प्रयास जारी है
खपा दी
नदियों ने
अपनी ज़िंदगी
सदियों से
लुटा दिया अपना
सर्वस्व
लेकिन किसी की
प्रवृत्ति बदलना
आसान भी तो नहीं है।
समंदर भी तो
अपनी आदत से मजबूर है।
अपने खारेपन को
पकड़ के बैठा है
मज़बूती से
मगर
मन में अचूक विश्वास लिए
समंदर को मीठा करने
नदी का
प्रयास जारी है।
सपना
किसी भयानक सपने के बीच,
जब भावनायें उफान पर होती है
ज़िंदगी दाँव पर होती है।
सब कुछ वास्तविक-सा लगता है।
दिल डरता है,
घबराता है,
सहमता है।
लेकिन
नींद खुलने के बाद
सब नादान-सा लगता है।
मुस्कुरा कर रह जाता हूँ
थैंक गॉड, सपना ही था।
सब-कुछ ठीक है।
ज़िंदगी की इस कशमकश के बीच
पहाड़ जैसी मुश्किलों के बीच
मुझे उम्मीद है।
एक दिन नींद टूट जाएगी
और सब नादान-सा लगेगा।
मैं मुस्कुराकर कहूँगा।
थैंक गॉड, सपना ही था।