जीने के लिए, काफी यह एहसास है
कि तू बस यहीं कहीं, मेरे आसपास है
साँसें थम सी रहीं , वक्त ठहरा हुआ
जिंदगी पर ग़मों का यूँ पहरा हुआ
सुकून बस ये मुझे, तू मेरे साथ है
ख्वाब मेरे अधूरे, कुछ तेरे भी हैं|
घाव हम दोनों के, ये गहरे भी हैं
बस तेरा साथ हो, मुझे ये आस है
दुनिया सुनती नहीं, जो में कहता रहा
दर्द दिल का, लहू बन बहता रहा
तू मुझे सुन सके, बस यही प्यास है
महफ़िलों में, मैं आता-जाता नहीं
मजबूर दिल को कुछ भाता नहीं
साथ तू है तो ये, महफ़िल भी ख़ास है
तेरा मेरे साथ होना ही छिटकी धूप सा
औरों को भले ही लगे घनेरी रात है
नीरस जीवन में, तू जैसे एक मिठास है
तुझसे बिछड़कर, मैं न रह पाउँगा
दिल में क्या है मेरे, पर न कह पाउँगा
ख़बर सब है तूझे , ये मुझे ‘विश्वास’ है
जीने के लिए, काफी यह एहसास है ……