आप जिन्दा हैं जनाब, खुश नजर आईये
हर चलती सांस के लिए, खुल के मुस्कराइए
खफा होने के तो मिलेंगे बहाने बहुत
किसी एक बात पर तो गले लग जाइये
आप जिन्दा हैं जनाब……
खिलखिलाता वो शख्स , शायद अंदर अकेला हो
उसको अपने आस पास होने का एहसास दिलाइये
आप जिन्दा हैं जनाब……
गिले शिकवे की दरारें, मुलाकातों में ही सिलती है
जो रूबरू न सही, मीट या ज़ूम पर ही आइये
आप जिन्दा हैं जनाब……
क्यूँ तुम्हारी आँखें नम है, ऐसा भी क्या गम है
दर्द खुद का लगेगा कम, जरा नज़र तो घुमाइए
आप जिन्दा हैं जनाब……
कुछ को कन्धा न मिला तो कुछ घर पहुंचे ही नहीं
हँसते बतियाते अपनों में बैठे हैं, तो शुक्र मनाइये
आप जिन्दा हैं जनाब……
जो थे महफ़िलों की जान, कायदे से रुख़सत न हो सके
जहाँ चार यार मिलें, एक नयी मजलिस सजाइये
आप जिन्दा हैं जनाब……
माना रात स्याह घनेरी है, रास्ता दिखता नहीं
बस सुबह होने को ही है, ये सोच मुस्कराइए
आप जिन्दा हैं जनाब……
Amazing …. khush najar aaiye 🙂
Wah bahut aachche👏🏻👏🏻👏🏻🌹
bahut aachche👏🏻👏🏻👏🏻🌹
Beautiful lines🌹👏🏻👏🏻