जीते जी जो सबको खुश करने उलझे रहे दीवाने से
दुनिया को ख़ाक फर्क नहीं पड़ा उनके चले जाने से
दुनिया तो खुदगर्ज ठहरी पर हमारी दुनिया तुम थे
तेरी यादों में खोये निकलते नहीं अपने आशियाने से
अलविदा कहते हुए फेरा उसके गाल पर जो हाथ
ताउम्र की हिम्मत मिल गयी लड़ने को ज़माने से
वो शख्स जो मेरे हर किस्से और गीत में बसा था
सुन रहा है मेरी दास्ताँ बहुत दूर किसी ठिकाने से
उनके जाने से गिला तो नहीं मगर हैरानी है जरूर
जैसे यकायक चुरा लिया सुर किसीने मेरे तराने से
अब बिगड़ती-संभलती दिल की अजीब हालत है
यादें यूँ मिटती नहीं फ़क्त उनके खत जलाने से
मिलने भले न आओ, बस आहटें तुम्हारी आतीं रहें
तेरा न होना रोक नहीं सकता हमें इश्क जताने से
जब मिलेंगे हम दोबारा तो फिर शुरू से शुरू करेंगे
फिर से वहीँ मिलना तुमसे और दुबारा दिल लगाने से