वो कहते है – यहाँ हर मुस्कराहट की कीमत है
हर हंसी का हिसाब देना है
ये वो बाजार है मेरे यार
जहा उसे हर चीज का मोल लेना है
सब यही चूका के जाना है, कोई उधार नहीं
इस वही-खाते को सँभालने वाला, किसी का भी यार नहीं
तो क्या हर हंसी के पहले ये सोचें
कि इसके बदले मेँ एक आंसू बहाना होगा
और हर सुख के लिए ये डरे
कि इसके बदले एक दुःख निभाना होगा
वो ये भी कहते है – कि हर लम्हा खुश रहो, हर लम्हा जियो
ये जीवन वो अमृत है , जो रस ले लेकर पियो
पर ये निभाना है मुश्किल, कहना आसान
वही-खाते को समझ कर भी, कैसे बने रहे नादान
आधी तो गुजर गयी , दुनियादारी को समझने मेँ
अब बाकी आधी पता नहीं, गुजरेगी ये हिसाब करने में