जब पहली बार ये गीत सुना
कि “आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये
तो बात बन जाये….”
इसने न जाने कितने अरमान जगाये
और लगा कि काश अब आ ही जाए
और जब वो आये
तो क्या क्या हुआ क्या बताये –
रात कि नींद उडी, दिन का चैन
चेहरे पर हवाइयां, अश्रुपूरित नैन
हर वक्त इंतज़ार, बेहाल सा हाल
भीड़ में या तनहा, बस उनका ख्याल
न खाने कि सुध, न पीने का ठिकाना
जाते थे कहीं, कहीं और था जाना
ख्यालों का तूफ़ान, कभी बेख्याली
सब पता हो, फिर भी लगे सवाली
न मिलें तो घबराहट, मिलें तो नज़रें चुराना
हर बात थी ख़ास, हर बात एक फ़साना
कभी भी कहीं भी, खुद से हज़ारों बातें
तेज धूप में छत पर, और तारे गिनती रातें
कभी दीदार की चाहत, तो कभी बेवफाई का डर
कभी खुदा सी इबादत, तो कभी मिलन की नजर
वो सांसो की गर्मियां वो हथेलियों की जकड
वो नजरो से शरारतें वो बाँहों की पकड़
फिर हिज्र का एक ऐसा दौर भी आया था
गुमान को हमने, बेगैरत होते पाया था
कैसे ख़ास से नाचीज बन जार जार हो गए
तिलतिल जोड़े थे जो ख्वाब, वो तार तार हो गए
कल जब एक नौजवान को ये गीत गुनगुनाते सुना –
की आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये
तो लगा की बेटा बहुत पछताओगे
कुछ महीनो बाद अलग ही नजर आओगे
गीत अच्छा है पर वो इश्क़ का दौर ऐसा दरिया है
आग ही आग है और तैरना एक मात्र जरिया है
गीत पर गीत बनाना भी शुरू कर दिया, वाह !!
Kya baat hai.