https://www.youtube.com/watch?v=pe1BoTJ59Ms
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
बनावट की परते ओढ़े, अपने भावो को छुपाओ ना
प्यार है तो करो इजहार
तुम्हे भी है तो करो इकरार
जो टूट के मोहब्बत है, तो जताओ ना
यूँही बेबजह कभी कभी उन्हें लुभाओ ना
अरे कभी थोड़ा रूठो तो कभी मनाओ ना
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
जब तुम दूर देश गए, तो सबने बाट जोही थी
अगर माँ बाप दुखी थे, तो पत्नी ने तो नींद भी खोई थी
आके तुम सबसे मिल रहे हो, उसकी तरफ देखा भी नहीं
बिलकुल ही नजर अंदाज कर दो, ऐसा तो लिखा नहीं कही
माना थोड़ा बड़ो का लिहाज है, पर प्यार की एक नजर तो उधर घुमाओ ना
उस प्राण प्रिये को इस कदर भी रुलाओ ना
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
बातों की गाँठ बाँधने के लिए, उम्र बहुत है कम
अहम् इतना बड़ा नहीं होता, जितना सोचते है हम
झुक नहीं जाओगे – रूठे हुए को मनाने में कोई हर्ज नहीं
बातो से जो न सुलझाया जा सके, ऐसा कोई मर्ज नहीं
रिश्तो को, एहसासो की आंच में हलके हलके पकाओ ना
गर ज्यादा कुछ नहीं, तो कभी कभी गरमा गरम चाय ही पिलाओ ना
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
अपनी बहन या हो बेटी, तो बहुत चिंता और प्यार आता है
दुसरे की हो तो ये भाव कहाँ चला जाता है ?
याद है जब छोटे भाई को हलकी सी चोट लगी थी, तो तुमने पूरा घर सर पे उठाया था
और कल सड़क पे किसी के साथ जो हादसा हुआ, वो तुम्हे नजर भी नहीं आया था
माना ताकतवर हो, पर इस कदर किसी मजलूम को सताओ ना
जहा कही भी जुल्म देखो, उसे आगे बढ़कर बचाओ ना
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
पता है कि तुम्हे माँ बाप से बेइन्तहा प्यार है,
तो कभी उनसे कह दो, मुँह खोल कर
वो हमेशा नहीं रहने वाले
अपना दिल हल्का कर लो, उन्हें ये बोल कर
बाद में बहुत मलाल होगा, इसलिए आज, अभी उनको जताओ ना
माना आँखे नम होने का खतरा है, पर आज पलकों को भिगाओ ना
जो मन में है, उसे खुल के बताओ ना
बनावट की परते ओढ़े, अपने भावो को छुपाओ ना