ठहर जरा, थोड़ा रुक, जरा हांफ ले
थोड़ा थम कर, जिंदगी की रफ़्तार को भांप ले
कितने साथ चले थे तेरे और अब कितने है साथ
किसने किसने छोड़ दिया, और किसने अभी भी पकड़ा है हाथ
कुछ ऐसे भी होंगे, जो सफर में मिले और फिर जुदा हो गए
कुछ तो अब याद भी नहीं और कुछ खुद के खुदा हो गए
सफर में कभी यूँ भी हुआ की कोई रौंद के चला गया
किसी ने प्यार से सहलाया, तो कोई जान के जला गया
कुछ ऐसे मिले, जिन्होंने थामा हाथ और साथ हो गए
कुछ चलते चलते साथ, अचानक जाने कहाँ खो गए
पर जो बीत गया, उस पर गम नहीं
जो मिल गया, वो किसी से कम नहीं
अरे ये क्या, आप फिर जा रहे है
चलो कोई नहीं, पीछे और भी आ रहे हैं
पर सुन ए मुसाफिर, आगे जा कर फिर थोड़ा से रुक के हांफ लेना
जरा थम कर फिर से जिंदगी की रफ़्तार को नाप लेना