मुझे छोटे-छोटे लम्हेसमेटने का जूनून हैभले न बड़ा न महंगाथोड़े में ही सुकून है बच्चे की नादानी मासूम से सवालबाग़ में खिले फूलअतरंगी सा ख्याल दोस्तों के संग मज़ाकअजनबी की मुस्कान महबूब की शिकायतकभी मौसम मेहरबान किसी ख़ास की याद माँ की प्यारी थपकीपापा की वो हिदायत संडे दोपहर की झपकी मेसेज का तुरंत जवाबकहीं…
Author: Vishwas
मृत्यु
यूँ ही ख्याल आया – जब समझ ये आ जायेकी कुछ ही साँसे बाकी हैँये लगने जब लगता होअब चंद लम्हों की झांकी है जब पता चले अंतिम पल हैअब यहाँ वापस नहीं आनाइंसान जीना चाहता होगा यामृत्यु की गोद में समा जाना जब शरीर से रूह का बंधनछूट कर टूट रहा होता है उस…
दोस्ती से इश्क़ तक
इश्क करते हैँ पर दोस्ती में छिपाकरसब कह भी देते हैँ उसे मजाक बताकर हरेक लम्हा हर पल यूं तो फ़िक्र भी हैकिसी न किसी बहाने उसका जिक्र भी है खूब सजा दे रहे हो दोस्त दोस्ती निभाने की हम ही से सलाह लेते हो हमको सताने की रूहानी माना सुनने में असरदार लगता हैपर…
ऐसा तो नहीं
अपनी बात से मुकरना आसान तो नहींदूरियां बढ़ीं है पर बदली जुबान तो नहीं अब हो गई है हमारे बीच भले ही रांजिशेहंस के मिलने में कोई नुकसान तो नहीं हम दोनों को जो मिला वो हमारा नसीबउस पर यूँ इतराने में कतई शान तो नहीं यह जो बिन बात ही तुम मुस्कुराते होदिल पर…
समझाओ राम !!
हे राम आप परम पूज्य मर्यादा देव महान होसनातनियों की चेतना और हमारा जहान हो प्रभु आप जब हुए वो युग और थाआदर्श व महान् मूल्यों का दौर थाथी पर हद थी कैकई की हसरत कीमजबूरियों की सीमा थी दशरथ कीसीमा में था उस पापी धोबी का शक दायरे में थे सबके अधिकार सारे हक़रावण…
जो तुम ये सोचते हो
जो तुम ये सोचते हो तुम्हे चाहना छोड़ देंगे हम तुमसे रिश्ता तोड़ देंगे हम तो तुम गलत हो जो तुम ये सोचते हो जी न सकेंगे तुम्हारे बिन कटेंगे नहीं मेरे रात दिन तो तुम गलत हो जो तुम ये सोचते हो कि हमें तुम्हारी कमी खलेगी तुम्हारे बिन हमारी नहीं चलेगी तो तुम…
वग़ैरा
निगाहें झुकाना तेरी हसीं मुस्कान वग़ैरा कुर्बान तेरी अदाओं पर मेरी जान वग़ैरा जो किया हमने बस तेरे इश्क में किया ना कहो उस सबको अब एहसान वग़ैरा किसी के सामने फैला नहीं हाथ आजतक तेरे सामने सूझता नहीं कोई सम्मान वग़ैरा जो हुआ दोनों का था बराबर ही सा कुसूरइक को सजा दूजे पर…
वीणा का विश्वास
यही वो जगह है यही वो फिजायें यहीं आ रही होगी हमारी सदायें यही वो घर है जहाँ हमारी आवाज यहीं वीणा के स्वर थे यहीं थे साज यहीं पर कही हमने देखे थे सपने यहीं सजाये थे घरोंदे हमने अपने कतरा-कतरा जोड़ लम्हा-लम्हा पिरोया बहुत-कुछ पाया और थोड़ा-बहुत खोया सींचे जान लगाकर हमने पौधे…
उधार की जिंदगी
चाहिए बड़ी गाड़ी, बड़ा घर और हर बड़ी चीज पर नजर नौकरों की भी बड़ी फ़ौज होरोज नयी पार्टियों की मौज हो चमकते झूमर दमकते कालीन सब चकाचौंध और सब रंगीन सब कुछ बड़ा, सब कुछ नया पैसा ये आया और झट वो गया ऐसा जीवन अमूमन सब चाहते हैं चाहें वो भले, पर क्या…
लिखता हूँ
जब जब भी मैं खुद को हम लिखता हूँ तब तुम को भी अपने संग लिखता हूँ दुनिया पढ़ के मेरे जो शेर वाह करती है मैं बस अश्कों से अपनी जंग लिखता हूँ हवस और हसरतों को जो प्यार कहते हैं सर ढक कर मैं इश्क का ढंग लिखता हूँ हमारे ऐब गिनाते समय…