आप जिन्दा हैं जनाब, खुश नजर आईये हर चलती सांस के लिए, खुल के मुस्कराइए खफा होने के तो मिलेंगे बहाने बहुत किसी एक बात पर तो गले लग जाइये आप जिन्दा हैं जनाब…… खिलखिलाता वो शख्स , शायद अंदर अकेला हो उसको अपने आस पास होने का एहसास दिलाइये आप जिन्दा हैं जनाब…… गिले…
Author: Vishwas
हिंदी दिवस २०२०
भारत माँ के मस्तक पर दमकती जो बिंदी हैवो कोई और नहीं, मेरी मात्रभाषा हिंदी है हिंदी ने जोड़ा देश को पूरब से पश्चिम तकबहती उसमें ज्ञान की गंगा और कालिंदी है वो जीवनरेखा जिसके बिन मेरा हिन्द अधूरा हैवो भाषा जिसके भाग्य में तो अब सिर्फ बुलंदी है जिसको निराला, अज्ञेय और नीरज ने…
कविताओं के बोल
सोचो गर काव्य और कवितायें बोल पातीं तरह-तरह की कुछ ऐसी आवाजें आतीं मैं हूँ एक अनसुनी बात तुम करो मुझ पर गौर हाँ मैं अधूरा सा इश्क़ हूँ आओ करो मुझे और बेपरवाह और आवारा है मेरा न कोई ठौर मैं वो हूँ ढलती जवानी गुजर गया जिसका दौर मैं बंधन में जकड़ी ख़ामोशी…
खामोश इश्क़
मौन को मौन सुन सके, तब कोई बात हैबस दोनों समझते रहें, कि क्या जज़्बात है तेरी नजरें पूछती रहीं, सवाल मासूम सेमेरे हर चुप के पीछे, यादोँ की बारात है कुछ रिश्तों का तो अनाम ही रहना अच्छा फासले ही सही, फिर भी मुसलसल साथ है खामोशी मेरी तुम सुन रहे, मुझे ये लगता…
मुझे चाहिए
जिंदगी में कुछ पाना है, तो अंदर एक आग चाहिएआसमां में फैले सितारों में, मुझे अपना भाग चाहिए अभाव और गर्दिश में, बन पड़ते हैं कुछ ऐसे गीत दुनिया झूम उठे जिस पे, मुझे ऐसी एक राग चाहिए जिन्होंने भूख कभी जानी नहीं, वो दे रहे हैं मुझे ज्ञान तुम्हे पता क्या कि मेरे अरमानों…
अटल संवाद
अटल जी की द्वितीय पुण्यतिथि (१६ अगस्त २०२०) पर आयोजित इ-कवि सम्मेलन में मेरी प्रस्तुति कभी यूँ भी हो की आप फिर वापस आएं आमने सामने बैठ कर हम दोनों बतियाएं पूछना है कैसे रखते थे –मुसीबत कितनी भी हो चेहरे पर शांत भाव कल कल बहती नदी में जैसे अजब सा ठहरावअपने या पराये,…
मेरे राम
मैं राम का राम मेरे , बाकी सब है माया बड़ी बाट जोही रघुवर, तब ये दिन आया जो थे हनुमान के सीने, और तुलसी के छंदों में, हमारी नासमझी ने जकड़ा, ईश को अनुबंधों में । वैसे सर्वव्यापी हो राघव, था जरूरी ये ठौर,मर्यादा के मंदिर की ओर, बढ़ा एक कदम और । पथराई…
सावन की फुहारें
सावन के धागे में पिरोये अलग अलग विचार….. चंद अधूरे सपने और अनकहे मलाल काश कुछ जिंदगी के पन्ने फिर लिख पाएं कभी यूँ भी हो कि कुछ ऐसी हो बरसात कुछ तो बने रहें और कुछ पन्ने धुल जाएं क़तरा क़तरा और बूँद-बूँद ही मिले हो कभी घनघोर घटा के जैसे तो आओ सूखे…
उलझनें
ज़िन्दगी की रफ़्तार तेज़ है, और उलझनें हैं बेहिसाबजूझते रहें या थम जाएँ, कुछ बताइये तो हमें जनाब मुद्दत से हैं जिसके इंतज़ार में, उनका नहीं आता कोई जवाब तकते रहें राहें या लौट जाएँ, कुछ समझाइये दिल को साहब मसरूफियत कुछ इतनी बढ़ी, कि रिश्ते हो रहे हैं ख़राबदौड़े मंजिल को या पलट जाएँ,…
बावरा मन
बावरे मन के तराने अच्छे होते नहीं हैनित नए फ़साने अच्छे होते नहीं है इस आस पर की वो आ जाएंगे अभीहम ऐसे हुए दीवाने की अब सोते नहीं है बावरे मन के….. जो बेवजह ही न हुई, वो दोस्ती कैसी किसी वजह से करी, तो है वो सौदे जैसी यारी तो वो यारी है…