मुझे छोटे-छोटे लम्हे
समेटने का जूनून है
भले न बड़ा न महंगा
थोड़े में ही सुकून है
बच्चे की नादानी
मासूम से सवाल
बाग़ में खिले फूल
अतरंगी सा ख्याल
दोस्तों के संग मज़ाक
अजनबी की मुस्कान
महबूब की शिकायत
कभी मौसम मेहरबान
किसी ख़ास की याद
माँ की प्यारी थपकी
पापा की वो हिदायत
संडे दोपहर की झपकी
मेसेज का तुरंत जवाब
कहीं न्योता मिल जाना
पिक्चर में कुछ देखकर
आंखों का भर आना
वो बीते सुहाने किस्से
देखी हसीन वादियाँ
पुराने फोटो का मिलना
परिवार की शादियां
पहली लिखी कविता
उनसे वो नज़रें चुराना
अपने शहर की यादें
कुछ खोया मिल जाना
स्नेह से मिला तोहफा
बातों से निकली बात
समुद्र किनारे टहलना
डाल कर हाथों में हाथ
लम्हा लम्हा जोड़ कर
इस जीवन को पिरोना
कुछ बड़े की चाहत में
छोटा छोटा क्यूँ खोना
Pal do pal mein jeena
Bahut khoob Vishwas ji