जब भी पूछा ‘क्या सोच रहे हो’?तूने ‘कुछ नहीं’ बोला हर बार उस ‘कुछ नहीं’ के पीछेमैंने हमेशा सुने –तेरे अल्फ़ाज़ अनकहेवो ताने जो तुमने मौन सहेवो तेरे अश्क जो नहीं बहेऔर जज्बात जो उलझे रहे उस ‘कुछ नहीं’ के पीछेमैंने महसूस की –छटपटाहट तेरे भीतरमुझे खो देने का डरदबी हसरतों के समंदरअनछुए ख़्वाबों के…
Tag: Hindi Poems
देश से दूर
अपने देश से दूर आ बसाये देश लगने लगा है अपनादेह और मन की ये यात्राअब लगे जैसे कोई सपना जब आया, था मैं अनजानासब तरफ थी अजनबी राहेंइसने कुछ ऐसे अपनाया किमुस्काते चेहरे हैं खुली बाहें उम्मीद के घरोंदे कोतजुर्बों से सजाया हैघर से दूर इस घर कोशिद्दत से बसाया है मेरे गाँव के…
लम्हे
मुझे छोटे-छोटे लम्हेसमेटने का जूनून हैभले न बड़ा न महंगाथोड़े में ही सुकून है बच्चे की नादानी मासूम से सवालबाग़ में खिले फूलअतरंगी सा ख्याल दोस्तों के संग मज़ाकअजनबी की मुस्कान महबूब की शिकायतकभी मौसम मेहरबान किसी ख़ास की याद माँ की प्यारी थपकीपापा की वो हिदायत संडे दोपहर की झपकी मेसेज का तुरंत जवाबकहीं…
मृत्यु
यूँ ही ख्याल आया – जब समझ ये आ जायेकी कुछ ही साँसे बाकी हैँये लगने जब लगता होअब चंद लम्हों की झांकी है जब पता चले अंतिम पल हैअब यहाँ वापस नहीं आनाइंसान जीना चाहता होगा यामृत्यु की गोद में समा जाना जब शरीर से रूह का बंधनछूट कर टूट रहा होता है उस…
दोस्ती से इश्क़ तक
इश्क करते हैँ पर दोस्ती में छिपाकरसब कह भी देते हैँ उसे मजाक बताकर हरेक लम्हा हर पल यूं तो फ़िक्र भी हैकिसी न किसी बहाने उसका जिक्र भी है खूब सजा दे रहे हो दोस्त दोस्ती निभाने की हम ही से सलाह लेते हो हमको सताने की रूहानी माना सुनने में असरदार लगता हैपर…
उधार की जिंदगी
चाहिए बड़ी गाड़ी, बड़ा घर और हर बड़ी चीज पर नजर नौकरों की भी बड़ी फ़ौज होरोज नयी पार्टियों की मौज हो चमकते झूमर दमकते कालीन सब चकाचौंध और सब रंगीन सब कुछ बड़ा, सब कुछ नया पैसा ये आया और झट वो गया ऐसा जीवन अमूमन सब चाहते हैं चाहें वो भले, पर क्या…
लिखता हूँ
जब जब भी मैं खुद को हम लिखता हूँ तब तुम को भी अपने संग लिखता हूँ दुनिया पढ़ के मेरे जो शेर वाह करती है मैं बस अश्कों से अपनी जंग लिखता हूँ हवस और हसरतों को जो प्यार कहते हैं सर ढक कर मैं इश्क का ढंग लिखता हूँ हमारे ऐब गिनाते समय…
आजादी के रखवालो
ओ आजादी के रखवालो, तुम सोते न रह जानाइसे बचाने की खातिर, तुम अपना धर्म निभाना बहुतों ने खून बहाया, बहुतों ने जान गँवाई हैबहुत महँगी कीमत देकर, ये आजादी पायी है जब मिली तो मिली खंड खंड दुष्कर आजादीख़ुशी की बेला में लिपटी हृदय विदारक बर्बादी हर ओर से घेरने को, ये दुश्मन ताक…
नायक नकारे गए
ये कैसा है समाजजहाँ नायक नकारे जाते हैंसामने हों तो तिरस्कारबाद में पुतले सँवारे जाते हैं ज्यूँ जीते जी उन्हें पूजा जायेगातो वो महान नहीं बन जायेगाइसलिए खुद के लिए धकेलो उन्हें पीछेलूट लो वो बगीचे जो उन्होंने थे सींचेकरो नजरअंदाज या नीचा दिखाओवो तेज चल रहा तो टंगड़ी अड़ाओदामन जो साफ़ है तो कीचड़…
गुज़रा साल
जैसे तैसे गुज़रा ये साल, नया आने को है इक तूफान की तरह जो आया, अब जाने को है कुछ इस तरह काटा, कुछ इस तरह बीता है बहुत-कुछ खोया, और थोड़ा-बहुत जीता है यूँ तो किस्से-कहानी होते हर पल, हर हाल में पर बड़ी अजीबो गरीब दास्तानें है इस साल में ताकती खिड़कियां, सूनी…