जब श्रीराम भक्ति का, चढ़ेगा हम पर रंग ,सीखेंगे हम उनसे, बदलेंगे अपने ढंग । मोहमाया, दम्भ में उलझे, हम कैसे बाहर आएं, भव सागर से निकलने का, रास्ता राघव दिखलायें । भटकते जीवन को सिर्फ, राम-संदेशों का है सहारा, उनकी आराधना से ही, जीवन तर जायेगा हमारा । उस ईश से सीखें, कैसे देना…
Tag: Hindi Poems
रुहानी इश्क़
इश्क़ किया है मैंने तुमसे, पर तुमसे कोई दरकार नहीं ये कुछ जुदा सा, अलग सा है इसमें कोई इज़हार-इक़रार नहीं तेरी बंदिशें, तेरी मजबूरियों के बहाने इसके बीच, मेरा इश्क़ क्यों मुर्दा रहे जब रब की तरह तुझे चाहने लगे हैं तो बन्दों से फिर क्यों पर्दा रहे उस रोज मैंने, आसमां को देख…
Thanksgiving / थैंक्सगिविंग (26/11/2020)
थैंक्सगिविंग इस बार उस दिन आयी हैजब मैंने थैंक्स देने वालो की एक लम्बी फ़ेहरिस्त बनाई है – पहला थैंक्स तुकाराम के बाजूओं की उस जकड कोगोलियां खाते रहे, पर ढीले न होने दिया उस पकड़ को मरते मरते भी, अशोक काम्टे के उस निशाने कोथैंक्स के साथ सलाम है, भारत मां के उस दीवाने…
वो गीत
जब पहली बार ये गीत सुना कि “आप जैसा कोई मेरी जिंदगी में आये तो बात बन जाये….” इसने न जाने कितने अरमान जगाये और लगा कि काश अब आ ही जाए और जब वो आये तो क्या क्या हुआ क्या बताये – रात कि नींद उडी, दिन का चैन चेहरे पर हवाइयां, अश्रुपूरित नैनहर…
खुश नजर आइए
आप जिन्दा हैं जनाब, खुश नजर आईये हर चलती सांस के लिए, खुल के मुस्कराइए खफा होने के तो मिलेंगे बहाने बहुत किसी एक बात पर तो गले लग जाइये आप जिन्दा हैं जनाब…… खिलखिलाता वो शख्स , शायद अंदर अकेला हो उसको अपने आस पास होने का एहसास दिलाइये आप जिन्दा हैं जनाब…… गिले…
खामोश इश्क़
मौन को मौन सुन सके, तब कोई बात हैबस दोनों समझते रहें, कि क्या जज़्बात है तेरी नजरें पूछती रहीं, सवाल मासूम सेमेरे हर चुप के पीछे, यादोँ की बारात है कुछ रिश्तों का तो अनाम ही रहना अच्छा फासले ही सही, फिर भी मुसलसल साथ है खामोशी मेरी तुम सुन रहे, मुझे ये लगता…
मुझे चाहिए
जिंदगी में कुछ पाना है, तो अंदर एक आग चाहिएआसमां में फैले सितारों में, मुझे अपना भाग चाहिए अभाव और गर्दिश में, बन पड़ते हैं कुछ ऐसे गीत दुनिया झूम उठे जिस पे, मुझे ऐसी एक राग चाहिए जिन्होंने भूख कभी जानी नहीं, वो दे रहे हैं मुझे ज्ञान तुम्हे पता क्या कि मेरे अरमानों…
सावन की फुहारें
सावन के धागे में पिरोये अलग अलग विचार….. चंद अधूरे सपने और अनकहे मलाल काश कुछ जिंदगी के पन्ने फिर लिख पाएं कभी यूँ भी हो कि कुछ ऐसी हो बरसात कुछ तो बने रहें और कुछ पन्ने धुल जाएं क़तरा क़तरा और बूँद-बूँद ही मिले हो कभी घनघोर घटा के जैसे तो आओ सूखे…
उलझनें
ज़िन्दगी की रफ़्तार तेज़ है, और उलझनें हैं बेहिसाबजूझते रहें या थम जाएँ, कुछ बताइये तो हमें जनाब मुद्दत से हैं जिसके इंतज़ार में, उनका नहीं आता कोई जवाब तकते रहें राहें या लौट जाएँ, कुछ समझाइये दिल को साहब मसरूफियत कुछ इतनी बढ़ी, कि रिश्ते हो रहे हैं ख़राबदौड़े मंजिल को या पलट जाएँ,…
माँ
मैं तब था परदेस में और जागा माँ का प्यार हमारी बातें ख़त्म होती थी रो के ही हर बारमां ने पूछा, अच्छा बेटा क्या याद मेरी आती है दर्द छिपाकर मैंने बोला, फुर्सत कहाँ मिल पाती हैबेटा तुम्हारा सुना कमरा देख मन हुआ है भारी माँ हम बहुत मस्ती में हैं, आप चिंता न…